‘ये इश्क नहीं आसां’ : प्रेम और इतिहास की यात्रा


‘ये इश्क नहीं आसां’ प्रेम और इतिहास की यात्रा की एक दिलचस्प यात्रा है। दो क्राइम थ्रिलर लिखने के बाद संजीव पालीवाल का यह तीसरा उपन्यास है। हर उपन्यास के बाद उनकी परिपक्वता हमें देखने को मिलती है। इस बार उनकी कलम इतिहास और रोमांस को एक साथ लेकर चली है। उपन्यास का प्रकाशन वेस्टलैंड बुक्स के उपक्रम एका ने किया है।

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संजीव पालीवाल का उपन्यास ‘ये इश्क़ नहीं आसां’

संजीव पालीवाल का उपन्यास ‘ये इश्क नहीं आसां’ एक रोमांटिक नॉवेल होने के साथ-साथ पालीवाल इतिहास की बात करता है। यह आसान नहीं होता कि रोमांस के साथ इतिहास को पिरोया जाए, लेकिन संजीव जी ने यह कोशिश की, जोकि बहुत हद तक कामयाब रही। यह उपन्यास एक दिलचस्प किताब है जो आपको इश्क की फुहार के बीच इतिहास के मोड़ों से गुज़ारता हुआ चलता है।

ये इश्क नहीं आसां

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अमन और अनन्या की प्रेम कहानी से सजा ‘ये इश्क नहीं आसां’

अमन और अनन्या की प्रेम कहानी से सजा ‘ये इश्क नहीं आसां’ पाठक को हर पल खुद से बातें करने का मौका देता है। उनकी प्रेम कहानी न केवल दिल को छूती है, बल्कि इतिहास की धारा में भी उस रोमांस को अपना अद्वितीय स्थान देती है।

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जब आप ‘ये इश्क नहीं आसां’ को पढ़ते हैं, तो आपको ऐसा लगता है कि आप एक संगीत के साथ लहरा रहे हैं, जिसमें कई बार विभिन्न रूकावटें आ सकती हैं। यह संगीत न केवल आपके मन को छूता है, बल्कि यह आपको समाज की वास्तविकताओं के साथ जोड़ता है। आप पढ़ते जाते हैं, और उस दौरान आपको अनेक बार रुकना पड़ता है, जैसे कि आप वास्तविकता की गहराईयों में सिमटे हुए हो। इस उपन्यास को संजीव पालीवाल की कलम से प्रस्तुत किया गया है, जो हमें एक अनोखे अनुभव में ले जाता है, जहाँ उत्कृष्टता का अनुभव होता है।

प्रेम और इतिहास की यात्रा के नए आयाम

‘ये इश्क नहीं आसां’ एक अनोखी यात्रा है, जो हमें प्रेम और इतिहास के नए आयामों में ले जाती है। यह उपन्यास न केवल मनोरंजन के लिए है, बल्कि हमें समाज के विभिन्न पहलुओं को समझने का भी मौका देता है।