Drama Queens : थियेटर की 10 महान अदाकाराओं के जीवन की खोज


विजय साई की ‘ड्रामा क्वींस’ (Drama Queens by Vijai Sai) एक ऐसी पुस्तक है जो थियेटर की 10 महान अदाकाराओं के जीवन की खोज करती है। इस पुस्तक में साई एक ऐसा परिदृश्य प्रस्तुत करते हैं जो पहले कभी नहीं देखा गया था। यहां उन महिलाओं का जीवन, उनका जुनून, उनका विद्रोह, समाज और परिवार से संघर्ष की बेजोड़ दास्तान है।

drama queens book review in hindi
ड्रामा क्वींस पुस्तक की तसवीर.

विजय का शोध प्रेरणादायक है और उनका दस्तावेजीकरण बहुत ही आश्चर्यजनक है। इस पुस्तक के माध्यम से उन्होंने ऐसे दस्तावेज को प्रस्तुत किया है जिसकी लम्बे समय से जरूरत थी। यहां उन महिलाओं के जीवन की कहानियाँ हैं जिन्होंने अपने समय में अकल्पनीय समृद्ध कलात्मक जीवन बिताया।

इन महिलाओं की दास्तानें हमें सिखाती हैं कि किसी भी परिस्थिति में अगर आपका जुनून और संघर्ष असाधारण हो, तो आप किसी भी समस्या का सामना कर सकते हैं और उसे परास्त कर सकते हैं।

रंगमंच से समाज में बदलाव

  • पुस्तक में वर्णित ‘खास’ महिलाओं ने अपनी विचारधाराओं में लिपटी रचनात्मक सोच से समाज में मामूली बदलाव लाने का संकल्प से शुरुआत की।
  • कई महिलाएं विद्रोही थीं और सार्वजनिक रूप से अपने विचारों को प्रकट किया, जबकि कई अन्य ने चुपचाप अपने क्षेत्र में मुकाम बनाया।
  • बालमणि, जिन्होंने तमिल रंगमंच आन्दोलन में अहम भूमिका निभाई थी, वे शोहरत के चरम पर पहुँची, लेकिन बाद में तंगहाली और गुमनामी में चली गईं। उन्होंने रंगमंच के इतिहास में शानदार बदलाव किए, जिसने समाज में नई सोच को अवलोकन किया।
drama queens
उन दिनों थिएटर कुछ इस तरह भरे रहते थे.

लेखक विजय साई का एक उदार व महत्वपूर्ण कार्य है ‘Drama Queens’

  • विजय साई ने अपने कठिन प्रयासों से बालमणि, मुन्नी बाई, तारा सुंदरी देवी, मुख़्तार बेगम, हीराबाई बरोड़कर, मलवल्ली सुन्दरम्मा, जहांआरा कज्जन, मोती बाई, रुशेन्द्रामिनी और थम्बलंगोबी देवी की कहानी को लोगों के बीच लाकर एक उदार व महत्वपूर्ण कार्य किया है।
  • इनमें कई महिलाएं ऐसी हैं जिनके किस्से सुनाने वाले लोग भी दुनिया में नहीं रहे और उनके बारे में मुश्किल से कोई दस्तावेज है।
  • विजय ने 1850-1950 के दशक के मध्य की जानकारी जिस तरह जुटाई है, उससे लगता है कि वे भी जुनूनी हैं। यही वजह है कि उन्होंने ऐसा विषय चुना जिसपर आजकल लेखक सोचना भी नहीं चाहते।

‘ड्रामा क्वींस’ (Drama Queens) पुस्तक में गिरीश कर्नाड की भूमिका में सभी महत्वपूर्ण अंशों का सार दिया गया है। उन्होंने लेखक की सोच और उनके प्रयास की महत्वाकांक्षा की भी सराहना की है।

drama queens book photos
पत्र-पत्रिकाओं में विज्ञापन भी प्रकाशित होते थे.
drama queens vijai sai book
थिएटर की जानीमानी अदाकाराओं की तसवीरें.

इस पुस्तक में, मुन्नी बाई, मुख्तार बेगम, जहांआरा कज्जन, और मोती बाई जैसी थिएटर की प्रमुख महिलाओं के माध्यम से हमें रोचक जानकारियां मिलती हैं, जो उनके प्रदर्शन, राष्ट्रवाद, और आधुनिकता के संदेशों को प्रस्तुत करती हैं। इन महिलाओं के द्वारा उत्पन्न किए गए दृश्य उनके उच्च स्तर के कलात्मक जीवन का एतिहासिक विवरण प्रदान करते हैं, जो हमें उनके साहसिक और सांस्कृतिक योगदान के प्रति समझाते हैं।

इसे भी पढ़ें : ‘ये इश्क नहीं आसां’ : प्रेम और इतिहास की यात्रा

‘ड्रामा क्वींस’ (Drama Queens) पुस्तक कला के इतिहास के रूप में महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें इन महिलाओं के व्यापक योगदान को बहुत ही बेहतर ढंग से प्रस्तुत किया गया है। इससे हमें यह अनुभव मिलता है कि कला में महिलाओं का समावेश और उनका प्रदर्शन एक महत्वपूर्ण और गरिमामयी भूमिका निभाता है।

व्यापक शोध और अनुसंधान के लिए भारत में कई साल तक यात्राएँ

लेखक विजय साई ने व्यापक शोध और अनुसंधान के माध्यम से भारत भर में कई साल तक यात्राएँ कीं और कला प्रेमियों के लिए इस किताब को रचा। उन्होंने उत्तर से लेकर दक्षिण, पूर्व से पश्चिम तक कई यात्राओं का अनुभव किया, जिससे कि वे भारतीय रंगमंच के विभिन्न कलाकारों की खोज कर सकें, जिनका योगदान आज के सिनेमा जगत में महत्वपूर्ण है।

विजय साई एक अवार्ड विजेता लेखक, संपादक, अनुवादक और सांस्कृतिक आलोचक हैं, जिनके शोधपरक लेख कला, संस्कृति और विभिन्न सांस्कृतिक विषयों पर प्रकाशित होते रहते हैं। यह उनकी पहली पुस्तक है जो कला प्रेमियों और सांस्कृतिक विचारकों के लिए एक मूल्यवान संसाधन होने का दावा करती है।

Drama Queens : Women Who Created History on Stage
लेखक : विजय साई
पृष्ठ : 208
प्रकाशक : रोली बुक्स
किताब का लिंक : https://amzn.to/49kQKxq