एक प्रेरणादायक और आध्यात्मिक पुस्तक है ‘जीवन की परिक्रमा का सार’


‘परिक्रमा-कृपा सार’ एक प्रेरणादायक और आध्यात्मिक पुस्तक है जिसे पाँच बार सांसद और वर्तमान में मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने लिखा है। यह पुस्तक उनकी दो नंगे पाँव नर्मदा परिक्रमाओं पर आधारित है। पहली परिक्रमा उन्होंने 1994 से 1996 के बीच अपने गुरुदेव श्रीश्री बाबाश्री जी के साथ की थी, जबकि दूसरी 2005 में अपनी धर्मपत्नी के साथ। इन यात्राओं का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण और नदियों के प्रति जागरूकता फैलाना था।

प्रेरणादायक और आध्यात्मिक पुस्तक है 'परिक्रमा-कृपा सार'
प्रेरणादायक और आध्यात्मिक पुस्तक है ‘परिक्रमा-कृपा सार’

यह कृति केवल एक धार्मिक यात्रा का विवरण नहीं है बल्कि यह जीवन-दर्शन, आत्म-अनुशासन और युवा पीढ़ी के लिए स्पष्ट प्रेरणा का एक स्रोत है। पुस्तक युवाओं को महान धनुर्धर अर्जुन की तरह अपने लक्ष्य पर केंद्रित रहने का मार्ग दिखाती है। यह उन्हें व्यसनों और नकारात्मक विचारों से दूर रहकर एक स्पष्ट और सकारात्मक पथ पर चलने के लिए प्रेरित करती है।

‘परिक्रमा-कृपा सार’ एक बहुत ही प्रेरणा देने वाली और ताकतवर किताब है। यह किताब हमें सिखाती है कि हम अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी को अध्यात्म के साथ कैसे अच्छे से चला सकते हैं।

प्रेरणादायक और आध्यात्मिक पुस्तक
परिक्रमा-कृपा सार / प्रहलाद सिंह पटेल
यह पुस्तक बहुत ही आसान और असरदार उदाहरणों का इस्तेमाल करती है जिससे बातें समझना बहुत आसान हो जाता है। जब आप इसे पढ़ते हैं तो आपको अपने जीवन में सब कुछ साफ़-साफ़ दिखने लगता है, आपका आत्मविश्वास बढ़ता है और आप और भी ज़्यादा सकारात्मक महसूस करने लगते हैं।

इस प्रेरणादायक और आध्यात्मिक पुस्तक किताब के लेखक प्रहलाद सिंह पटेल की अध्यात्म की समझ बहुत गहरी है। उनका लेखन उनके अपने निजी और व्यावहारिक अनुभवों पर आधारित है। यही वजह है कि यह पुस्तक हर उम्र के लोगों के लिए बहुत आसान और प्रेरणादायक है-चाहे आप जवान हों या बड़े।

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परिक्रमा-कृपा सार
परिक्रमा-कृपा सार / प्रहलाद सिंह पटेल

यह किताब उन सभी लोगों के लिए एक बेहतरीन गाइड है जो अपने जीवन में सही राह, मन की शांति और कोई बड़ा मकसद ढूँढ रहे हैं। ‘परिक्रमा-कृपा सार’ आपके जीवन को एक नई और बेहतर दिशा देने में मदद करेगी। यह सिर्फ़ एक किताब नहीं, बल्कि एक दोस्त की तरह है जो आपको जीवन की यात्रा में सही रास्ता दिखाती है। इसे पढ़ने के बाद आपको लगेगा कि आप पहले से ज़्यादा मज़बूत, शांत और खुश हैं।

यह किताब आपको बताएगी कि अध्यात्म सिर्फ़ पूजा-पाठ नहीं है, बल्कि यह हमारे हर काम, हर सोच और हर रिश्ते में कैसे मदद कर सकता है।

परिक्रमा-कृपा सार
प्रहलाद सिंह पटेल
पृष्ठ : 208
प्रभात प्रकाशन
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