हर्षद मेहता, एक ऐसा नाम जो भारतीय वित्तीय इतिहास में सफलता और विवाद दोनों का प्रतीक बन गया। 1990 के दशक में हर्षद मेहता शेयर स्कैम ने शेयर बाजार को ऐसा हिलाया कि उसकी कहानी आज भी लोगों के लिए एक रहस्य और सबक बनी हुई है। यह पुस्तक हर्षद मेहता के जीवन, उसके शानदार उत्थान और अचानक हुए पतन की गहराई से पड़ताल करती है। साथ ही, यह उन घटनाओं को समझाती है जिन्होंने भारतीय वित्तीय प्रणाली को हिलाकर रख दिया। यह पुस्तक न केवल एक व्यक्ति की कहानी है, बल्कि लालच, महत्वाकांक्षा और वित्तीय प्रणाली की खामियों का एक दस्तावेज भी है।
हर्षद मेहता की कहानी एक साधारण मध्यमवर्गीय परिवार से शुरू होती है और शेयर बाजार के शिखर तक पहुँचती है। उसने अपनी मेहनत और चालाकी से खुद को ‘बिग बुल’ के रूप में स्थापित किया। लेकिन उसकी यह यात्रा सिर्फ सफलता की नहीं थी। 1992 का शेयर बाजार घोटाला उसके पतन का कारण बना, जिसने न केवल उसे, बल्कि पूरे देश की वित्तीय प्रणाली को हिला कर रख दिया। यह पुस्तक सबसे बड़े घोटालेबाज हर्षद मेहता जीवन के हर पहलू को छूती है – उसकी सफलता, विवाद, और अंततः उसका पतन। साथ ही, यह घोटाले में शामिल अन्य लोगों की भूमिका और नियामकों की विफलताओं पर भी प्रकाश डालती है।
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‘हर्षद मेहता शेयर स्कैम की इनसाइड स्टोरी’ की खास बातें :
गहन शोध और तथ्यात्मक विवरण
यह किताब हर्षद मेहता के जीवन और 1992 के घोटाले के बारे में गहन शोध पर आधारित है। इसमें घटनाओं का विस्तृत विवरण दिया गया है जो पाठक को उस दौर की सही तस्वीर देता है। यह केवल एक कहानी नहीं है, बल्कि तथ्यों और आंकड़ों पर आधारित एक दस्तावेज है।
निष्पक्ष और संतुलित दृष्टिकोण
लेखक ने हर्षद मेहता के जीवन को एक निष्पक्ष दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया है। ‘हर्षद मेहता शेयर स्कैम की इनसाइड स्टोरी’ पुस्तक न तो उसकी पूजा करती है और न ही उनकी आलोचना करती है। बल्कि, यह उसके अच्छे और बुरे दोनों पहलुओं को समान रूप से दिखाती है। साथ ही, यह घोटाले में शामिल अन्य लोगों और नियामकों की भूमिका को भी उजागर करती है।
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रोचक और प्रवाहमयी शैली
पुस्तक की भाषा सरल और रोचक है। इसे पढ़ते हुए ऐसा लगता है कि आप एक थ्रिलर पढ़ रहे हैं। घटनाओं का वर्णन इतना जीवंत है कि पाठक खुद को उस दौर में पाता है।
सामाजिक और आर्थिक प्रभाव का विश्लेषण
यह पुस्तक केवल हर्षद मेहता की कहानी तक सीमित नहीं है। यह उस घोटाले के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक प्रभावों का भी विश्लेषण करती है। यह बताती है कि कैसे एक व्यक्ति की महत्वाकांक्षा ने पूरी वित्तीय प्रणाली को प्रभावित किया।
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सीख और सबक
‘हर्षद मेहता शेयर स्कैम की इनसाइड स्टोरी’ पुस्तक का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह सिर्फ एक कहानी नहीं सुनाती, बल्कि उससे जुड़े सबक भी देती है। यह लालच के खतरों, वित्तीय प्रणाली में पारदर्शिता की आवश्यकता, और मजबूत नियामक ढांचे के महत्व को रेखांकित करती है।
हर्षद मेहता की कहानी एक ऐसी कहानी है जो आज भी उतनी ही प्रासंगिक है, जितनी 1990 के दशक में थी। यह पुस्तक न केवल उनके जीवन को समझने का अवसर देती है, बल्कि यह हमें वित्तीय प्रणाली की जटिलताओं और उसके सुधार की आवश्यकता के बारे में भी सोचने पर मजबूर करती है। अगर आप इतिहास, वित्त, या सच्ची घटनाओं पर आधारित कहानियों में रुचि रखते हैं, तो यह पुस्तक आपके लिए एक उत्तम पठन सामग्री है। यह न केवल आपको मनोरंजन देगी, बल्कि आपको कुछ महत्वपूर्ण सबक भी सिखाएगी।
हर्षद मेहता शेयर स्कैम की इनसाइड स्टोरी
लेखक : महेश दत्त शर्मा
पृष्ठ : 176
प्रकाशक : प्रभात प्रकाशन
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— Samay Patrika (@samaypatrika) February 4, 2025